गणेश चतुर्थी कब है?
गणेश चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जिसे बहुत भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार की तिथि हिन्दू पंचांग के अनुसार तय की जाती हैं। गणेश चतुर्थी 2023 में 19 सितंबर को मनाई जाएगी। यह हिन्दू माह भाद्रपद के शुक्ल पक्ष के चौथे दिन (शुक्ल चतुर्थी) को मनाई जाती है।
गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, यह भारत में सबसे बड़े उत्सवों में से एक है। इसमें भगवान गणेश का जन्म दिन मनाया जाता हैं। यह महत्वपूर्ण त्योहार देश के करोड़ों लोगों द्वारा बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी हिन्दू मास भाद्रपद में आता है। इसे शुक्ल चतुर्थी के चौथे दिन से शुरू किया जाता है और यह आधारित स्थानीय परंपराओं और आदतों के आधार पर एक से लेकर ग्यारह दिनों तक मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी की तारीख का सटीकता हर साल अलग होता है क्योंकि यह चंद्रमा कैलेंडर का पालन करता है। हिन्दू पौराणिक कथानुसार, भगवान गणेश का जन्म चतुर्थी के चौथे दिन (चतुर्थी) को बढ़ते चंद्र की किरणों के साथ हुआ था। इसलिए, इस दिन को भगवान गणेश की पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
गणेश विसर्जन 2023 की तारीख 29 सितंबर को होगी। यह आमतौर पर गणेश चतुर्थी की शुरुआत के 11 दिन बाद होती है। इस दिन, भक्तगण भगवान गणेश को विदा करतें हैं और मूर्ति को किसी जल स्रोत में, जैसे कि नदी या झील, में डुबोकर, बड़े जुलूस और उत्सव के साथ विसर्जित करते हैं।
गणेश चतुर्थी के दिन किन मंत्रों का जाप करें !
गणेश चतुर्थी के दिन, भक्तगण आमतौर पर भगवान गणेश की आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विभिन्न मंत्रों का जाप करते हैं। निम्नलिखित कुछ सामान्य गणेश मंत्र हैं जो इस शुभ दिन पर जपे जा सकते हैं:
“ॐ गं गणपतये नमः” (Om Gam Ganapataye Namah): यह एक ऐसा मंत्र है जो भगवान गणेश की आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सबसे अधिक प्रयुक्त किया जाता है। यह समस्त बाधाओं को दूर करने और सफलता प्राप्त करने के लिए एक सामान्य मंत्र है।
“ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥”: इस मंत्र का प्रयोग बाधाओं को हटाने और सभी प्रयासों को सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
गणेश मूल मंत्र
“ॐ गं गणपतये नमः” (Om Gam Ganapataye Namah): यह भगवान गणेश का मूल मंत्र है।
इन मंत्रों का जाप करते समय, भगवान गणेश के प्रति ध्यान और आपकी ईमानदार भक्ति को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। आप उस मंत्र को चुन सकते हैं जो आपके लिए सबसे अधिक अनुकूल है या अपनी गणेश चतुर्थी की पूजा के दौरान इन मंत्रों का संयोजन कर सकते हैं।
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को किस चीज का भोग लगाएं ?
गणेश चतुर्थी के दिन, भक्तगण भगवान गणेश को भोग (अर्पण) के रूप में विभिन्न खाद्य पदार्थ और मिठाई अर्पित करते हैं। कुछ सामान्य चीजें जो परंपरागत रूप से भगवान गणेश को भोग के रूप में अर्पित की जाती हैं, वह निम्नलिखित हैं:
मोदक: मोदक को भगवान गणेश की पसंदीदा मिठाई माना जाता है। यह चावल आटा या गेहूं के आटे से बनी होती है, और इसमें गुड़ और कटा हुआ नारियल भरा जाता है। मोदक को गणेश के प्रति भक्ति का प्रतीक और प्रतिष्ठा की भावना के रूप में अर्पित करना परंपरागत है।
लड्डू: हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश को लड्डू का खास पसंद है। कहा जाता है कि लड्डू उनकी पसंदीदा मिठाई में से एक है।
इन भोग पदार्थों को भक्ति और स्वच्छता के साथ तैयार करना महत्वपूर्ण है, और ये आमतौर पर घर पर प्रेम और समर्पण के प्रतीक के रूप में बनाए जाते हैं। पूजा (विधि) के बाद, प्रसाद (भोग के रूप में अर्पित खाद्य) को परिवार के सदस्यों और मेहमानों के बीच बाँटा जाता है, गणेश की आशीर्वाद के प्रतीक के रूप में।